बॉम्बे हाई कोर्ट ने एक 20 साल पुरानी सजा को रद्द करते हुए कहा कि मृतका के खिलाफ उसके ससुराल वालों द्वारा किए गए आरोप, जैसे टीवी न देखने देना, और कार्पेट पर सोने के लिए मजबूर करना, मानसिक और शारीरिक क्रूरता के तहत नहीं आते. और पढ़ें | लेटेस्ट ली

बॉम्बे हाई कोर्ट ने एक 20 साल पुरानी सजा को रद्द करते हुए कहा कि मृतका के खिलाफ उसके ससुराल वालों द्वारा किए गए आरोप, जैसे टीवी न देखने देना, और कार्पेट पर सोने के लिए मजबूर करना, मानसिक और शारीरिक क्रूरता के तहत नहीं आते. और पढ़ें | लेटेस्ट ली